आरज़ू तुम्हारी
आरज़ू तुम्हारी
सुन आरज़ू तुम्हारी है सदा इस दिल को,
ये ज़िन्दगी बितानी है सदा इस दिल को।
जुस्तजू भी तुम्हारी है सदा इस दिल को,
लगे कायनात चाहे तुम भी मिलों हम को।
आँखों में प्यार ही प्यार देखना तेरी हम को,
सपना कब सच होगा कब पायेंगे तुम को।
आसमान गर्व करता है चाँद मिला उन को,
धरा का मेरा चाँद कब तक मिलेगा हम को।
ख़्वाब तुम्हारे देखने हर रात सिर्फ़ हम को,
जब तक हक़ीक़त में पा लेते हम तुम को।
धीरे-धीरे प्यार करते जाना हमने तुम को,
तुम भी आहिस्ता आहिस्ता मिलो हम को।