आपका अफ़साना सही है
आपका अफ़साना सही है


तुम्हारा हमको भूल जाना भी सही है,
मेरे हर तोहफे को खाक करना भी सही है,
हमने कह दिया तो बुरा लग गया आपको,
वरना आपका तो दिल जलाना भी सही है....
हसीन वादियों में आपका गुनगुनाना भी सही है,
फूलों को तोड़ कर आजमाना भी सही है,
ज़माना देख रहा है तो रो दीजिए मैयत में मेरी,
ऐसे में तो आपका मुस्कुराना भी सही है....
मेरे ज़ख़्मों को नोच लेना भी सही है,
मेरी दुआओं को फेंक देना भी सही है,
हमने सोच लिया तो गलत है हम,
आपका बारिश में सरे आम नाचना भी सही है....
p>
एक छोड़ दूजे से दिल लगाना भी सही है,
जिस्म के गुरुर में रूह भूल जाना भी सही है,
हमने कहा तो लोग मारेंगे हमे,
हाय! आपका तो शहर ये दीवाना भी सही है....
नज़रें झुकाकर आपका ये शर्माना भी सही है,
अगले पल किया वो बहाना भी सही है,
हमें तो है नहीं बोलने का सलीका भी,
आपका तो बेसुध सा तराना भी सही है....
इश्क़ में मिला ये ठिकाना भी सही है,
गैरों के लिए आपका ये गलियाँ सजाना भी सही है,
लगा देता है चार चाँद मेरे लफ़्ज़ों को,
चौराहे पर आपके वो मयखाना भी सही है....