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arun gode

Tragedy

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arun gode

Tragedy

आफत में पडी नेता जान.

आफत में पडी नेता जान.

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आफत में पडी नेता जान

आफत में पड गई मेरी जान,

जनतासे करके बडे वादों का ऐलान।

विरोधी कर रहा है मुझे परेशान,

याद दिलाकर किए वादो का ऐलान।


सोशल मीडीया, वीडियों, और होकल से,

किए वादों का हो रहा प्रचार व प्रसारण।

वादाखिलापि का नहीं मिला कोई ठोस कारण,

नेता और जनता पुछ रहे सवाल जबरण।


पिछले सरकारों को दिया था मैंने फर्माण,

सत्तर सालों का मांगा था विकास का विवरण।

देश की बदहाली ,बेरोजगारी ,जीडीपी का पतन, 

के लिए अब, मेरे पास नहीं कोई ठोस स्पष्टिकरण।


अच्छे दिनों के लिए देना पड रहा है इंतिहान,

कोरोना, नोटबंदी,जीएस टी ने मिटाई मेरी पहचान।

आफत में पड गई मेरी जान,

जनतासे करके बडे वादों का ऐलान।


मोदी-डोनॉल्ड के जोडी को गुगलने दिया सम्मान,

मुझे फेकु और उसे इडियट की मिली नई पहचान।

जनता समजी मेरे झूठे जुमलो का राजकारण,

ईडी,एनआयए, सीबीआय से विरोधी नहीं हो रहे परेशान।


अभिव्यक्ति

के आजादी के पतन का मुझ पर लांच्छन,

चुनाव धांदलीयों का खुल रह है धीरे धीरे राजकारण।

मंत्री, सांसद भक्त ,गोदी मीडिया,पार्टी कमान,

नहीं संभाल पा रहे ढंग से झूठा समाजकारण।


पडोसी ड्रैगन ने रचा है नया कारस्थान,

अंदर घूस कर, चिन्हित सीमा रेखा के निषान।

विस्तारवाद के चक्कर में चढा घाटी गलवान,

ड्रैगन दोस्त निकला कमिना और बेईमान।


शातिर ड्रैगन ने बढायां मेरा सौप्रतिशत टेनशन ,

आर्थीक,सामरिक विदेशनीति पर कर के आक्रमण।

कैसे दिखाऊ विरोधीयोंको अब छ्प्पन इंच का सीना,

जो कभी था नहीं,वो था सिर्फ एक जुमला।


गुजराथी साथीयों ने लाया बैंक घोटालों का तुफान,

अर्थ खाता कर रहा मुझे पल-पल परेशान।

आम जनता के जरुरत का महंगा हुआ सामान,

आम जनता के आक्रोश ने बढाया मेरा टेशन।


बड़ा अटपटा दिया अर्थमंत्रीने ने बयान,

कई परिवार नहीं खाते प्याज और लसुन।

आफत में पड गई मेरी जान,

जनता से करके बडे वादों का ऐलान।


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