आओ उनके नाम एक दीप जलाएं
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं
जो चढ़े देश की बलि बेदी पर,
उनके बलिदान को शीश झुकाएं।
जिन्होंने देश हित सर्वोपरि रखा,
उनके नाम पर बलि बलि जाएं।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।
सरहद पर खड़े सुरक्षा में सैनिक,
जिनसे घबराती है हर बाधाएं।
अक्षत चंदन का तिलक लगाकर ,
उनकी वीरता को शीश झुकाएं।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।
जो वीर धीर रणवीर साहसी,
और गीत केवल मां के गाये।
अपने कर्तव्यों को पूरा करने में,
लौट के अपने घर को न आये।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।
जो मौसम को सम कर लेते,
खेतों में आल्हा फगुआ चैती गाएं।
प्रकृति की चाहे जितनी मार पड़े,
पर निशि दिन लगकर अन्न उगायें।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।
चाहे जितनी मेहनत का हो काम,
काम को ही अपना नाम बताएं।
जिसके श्रम से देश है बढ़ता,
ऐसे श्रमिक बंधु को शीश नवाएं।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।।
हरी शिक्ष धातु की करें बंदना,
जो अनगढ़ पत्थर को मूर्ति बनाएं।
स्व और परि का भेद मिटाकर,
जो अपनी शिक्षा से ज्ञान फैलाएं।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।।
निष्पक्ष पक्ष जो सबका रखें,
जोखिम लेकर खबर बनायें।
ऐसे खबरनवीशों के साहस को,
हर साहसी शीश झुकाएं।
आओ उनके नाम एक दीप जलाएं।।
