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EDUCATOR RAJEEV

Classics Inspirational Children

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Classics Inspirational Children

आओ करें स्वागत

आओ करें स्वागत

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क्षण, घंटे, दिन, हफ्ते और महीने हैं मेहमान

वर्ष, दशक हो, कोई सदी हो, सुन लो मेरी जान

समय के ये धूरी हैं इनको वक्त की है पाबंदी


आना जाना धर्म है इनका ना देरी ना जल्दी।

अपना है जो धर्म निभाएं सच्चे तन मन धन से।

आओ करें स्वागत २१ का भुला २० को मन से। 


मेहमानों की अलग-अलग है जाति और प्रजाति।

सब आते और दे जाते हैं यादें भांति-भांति।

किन्तु इन सब में है एक असाधारण सी समता


इनके आने से नपती है रहन-सहन की क्षमता।

इनके हृदय को हम जीतें उपलब्ध सभी साधन से

आओ करें स्वागत इक्किस का भुला बीस को मन से।


बड़ा भयावह भ्रमण कराया बीस ने हमने माना

दावानल ब्राज़ील का हो या तुर्की का गुर्राना

कोविड का आतंक हो चाहे चीन का धाक जमाना


उन्नीस बीस तो होता ही रहता है सबने जाना।

अपना मन छोटा ना करना तुम ऐसी अनबन से।

आओ करें स्वागत इक्किस का भुला बीस को मन से।


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