आँसू
आँसू
ये आँसू जो कभी दर्द की दास्ताँ कहते हैं
वही कभी खुशी तो कभी गम की पहचान होते हैं
कहते है ये कमज़ोरी की निशनियाँ होते है
काश कोई समझ पाता की ये एहसासों की ज़ुबाँ होते हैं
और यही कभी कभी रिश्तों की नज़दीकियों की वजह होते हैं
ये आँसू जो कभी दर्द की दास्ताँ कहते हैं
वही कभी खुशी तो कभी गम की पहचान होते हैं
कहते है ये कमज़ोरी की निशनियाँ होते है
काश कोई समझ पाता की ये एहसासों की ज़ुबाँ होते हैं
और यही कभी कभी रिश्तों की नज़दीकियों की वजह होते हैं