आंखें
आंखें
बिन बोले ही खुशी या ग़म को
बयान कर देती है ये आंखें।
बिन बोले ही दोस्ती को
चाहत में बदल देती है ये आंखें।
दिल से दिल की डोर को
मजबूती से बाँध देती है ये आंखें।
कोन कहता है प्यार का इज़हार
करने के लिए जुबान की ज़रूरत होती है,
चुप रहकर भी चाहत का
इज़हार किया जा सकता है
क्यूँकि खामोश रहकर भी दिल की
दास्तान बयान कर देती है ये आंखें।

