आखिरी कोशिश...
आखिरी कोशिश...
तुम्हारे सीने पर अँगुलियों से लिखा था मैंने
ये तो मुझे याद नहीं मगर
अपने जज़्बातों को तुम्हारे दिल पर
उकेरने की सदा कोशिश की है !
मेरा दिल मासूम था बहुत ये तो
जानते थे तुम भी मगर
तुमनें हर बार मेरे दिल को
दुखाने की कोशिश की है !
कितने अरमानों से रखा था कदम
मैंने तुम्हारी दुनिया में
मालूम था ये तुमको भी मगर
तुमनें हर बार मेरे अरमानों को
दफ़नाने की कोशिश की है !
मैं जानती हूँ तुमको और तुम्हारे
पुरुषत्व के अहम को भी मगर
मैंने तो हर बार बस अपनें स्त्रीत्व
को बचाने की कोशिश की है !
तुम नहीं बदलोगे कभी
मैं जानती हूँ इस सत्य को भी मगर
मैंने तुम्हारी ओर अपना हाथ
बढ़ाने की ये आखिरी कोशिश की है !