आकाश छूती स्वछंद महिलाएं
आकाश छूती स्वछंद महिलाएं
महिलाएं बदल सकती हैं इस दुनिया की तस्वीर
जरा उन्हें कदम मिलाकर चलने तो दो,
महक की शक्ति है वह सारा का सारा गुलिस्तां
कच्ची कलियों को पहले खिलने तो दो।
देंगी वह तुम्हे प्यार और ममता की घनी छांव
सुरक्षित माहौल में उन्हें पनपने तो दो।
घुंघट से निकल कर चांद तक जा सकती हैं वो
प्रथाओं को थोड़ा सा बदलने तो दो।
स्वच्छंद माहौल में पली बच्चियां छा गई जहां पर
बेड़ियों को सारे तुम खोलने तो दो।