आज वक्त नहीं है उनके पास
आज वक्त नहीं है उनके पास
आज वक्त नहीं है उनके पास
दो प्यार के पल बीताने को
कभी जन्मों का साथ निभाने की
बात कहते थे
क्या शिकवा करूं उनसे
जो कभी हमारा था ही नहीं
हम ही प्यार निभाते रहें उनसे
लेकिन उसने मेरा इस्तेमाल क्या खूब किया
ये वक्त- वक्त की बात है
जहां बुरे वक्त में कोई देता नहीं साथ है
आज कहती है वो
सोचो अभी ऐसी हो तो बाद में
कैसी हो जाऊंगी
अरे कुछ नहीं बदलेगा तुम्हारे बदलने से
हम तो कल भी प्यार करते थे
और हमेशा तुम्हें प्यार करते रहेंगें
हम तो चमकते रहेंगे इस आसमां में
लेकिन तुम बदलने की कोशिश में खुद
अंधेरे में खो जाओगी
कहना बहुत कुछ है तुमसे
पर दिल अक्सर समझाता है
तू तो टूटा है पहले से अब क्या
टुकड़ों में बिखरना चाहता है
संभाल खुद को और
चल अकेले इस जिंदगी की राहों में
क्यों अफसोस करता है उनका जो
अपनों को भुलाकर परायों पर मरते हैं.
