आज फिर से तेरी याद आई
आज फिर से तेरी याद आई
संभल सा गया था तेरे जाने के बाद
पर पता नहीं क्यूं आज कुछ खोया सा
लग रहा है, तेरी यादों ने आकर फिर से
जगाया है।
थोड़ा पीछे गया ठहरा, तेरे साथ गुजारे
उन लम्हों से मिला, तुझे जी भरके देखा
तुझसे ढेर सारी बातें की फिर वापस आया
पर आज फिर से तेरी यादों ने झकझोरा।
कितने करीब थे हम एक दूसरे के
कितने हसीन थे वो हमारे अफसाने
उन अफसानों को पढ़कर आज रोना आया
आज फिर तेरी याद आयी।
तेरे लिए खुदा से बस यही मांगूंगा की
तुम्हें हमेशा खुश रखे,आए न कभी तेरे
आंखों में अश्क, समझूंगा खुदा ने मुझे मेरी
हिस्से की खुशी दे दी
पर आज फिर तेरी याद आयी।

