आज कुछ अच्छा होने को है.....
आज कुछ अच्छा होने को है.....
जाने क्यों आज सुबह से ही ये एहसास सा हो रहा है
की कुछ अच्छा होने को है।
फिर क्या हुआ अगर किसी बात पर मेरी आंख रोने को है।
कोई कारण नहीं है, वक्त का कोई निर्धारण नहीं है।
दिन के अंतिम प्रहर तक करेंगे इंतजार।
शायद कोई दोस्त आज अपनी दोस्ती निभाने को है।
आज कुछ अच्छा होने को है।
क्या मालूम सूरज भेज दे कोई खूबसूरत सा पैगाम,
या फिर चांद ही उतर आए मेरे आंगन में मुझसे मिलने,
या शायद तारे सारे, मेरे आंचल में समाने को है
आज कुछ अच्छा होने को है।
