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Namrata Saran

Inspirational

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Namrata Saran

Inspirational

आज की नारी

आज की नारी

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सुशोभित 

नित नवीन विधाओं में,

प्रवीण पारंगत 

हर कलाओं में,,

गृहक्षेत्र 

और बाहर दहलीज़़ के,

स्वर्ण मणिकाएं

सज रही फ़िज़ाओ में,,

सर्वगुणसंपन्न

नारी शक्ति, 

यत्र तत्र सर्वत्र

नारी शक्ति,,

वंदे नारी, वंदनीय नारी,

संबल सशक्त

सकल अनुकरणीय नारी,,

ईश्वर की अनुपम कृति

चहुं ओर परचम फहराती नारी,

वीरांगना, गृहिणी

आकाश में जहाज़ उड़ाती नारी,,

वैज्ञानिक नासा

सितारों में नाम दर्ज कराती नारी,

संपूर्ण जगत के

नील वितान पर चॉंद सी

बुलंद मुस्कुराती नारी,,

अब चाह नहीं

ज़ेवर सी सजाई जाऊं,

बंद चौखट में

पूजी जाऊं,,

अब हर क्षेत्र है

कर्मक्षेत्र मेरा,

नारी हूं, स्थापित हूं

स्वयंसिद्धा 

मैं आज की नारी।।



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