वंदनीय भारत अभिनंदनीय भारत। वंदनीय भारत अभिनंदनीय भारत।
गांधी और मंडेला को दुनिया को देता दुख कोई शैतान नहीं वंदनीय ईश सम। गांधी और मंडेला को दुनिया को देता दुख कोई शैतान नहीं वंदनीय ईश सम।
कितना अधूरा मैं, कितना अकिंचन शायद, तुम ही मेरी परिभाषा हो ! कितना अधूरा मैं, कितना अकिंचन शायद, तुम ही मेरी परिभाषा हो !
नारी हूं, स्थापित हूं स्वयंसिद्धा मैं आज की नारी।। नारी हूं, स्थापित हूं स्वयंसिद्धा मैं आज की नारी।।
राजमाता के विचार बहुत लाभकारी, राष्ट्रमाता जिजाऊ वंदनीय हमारी राजमाता के विचार बहुत लाभकारी, राष्ट्रमाता जिजाऊ वंदनीय हमारी
तू अवनि अवतारी पर्वत की बाला दुःख हरने वाली जग कल्याणी जय अम्बे जय जगदम्बे !! तू अवनि अवतारी पर्वत की बाला दुःख हरने वाली जग कल्याणी जय अम्बे ज...