सुकर्म भूमि भारत
सुकर्म भूमि भारत
वंदनीय भारत
अभिनंदनीय भारत।
सुकर्म भूमि भारत
इस पवित्र भूमि पर जन्मे,
चक्रवर्ती सम्राट भारत।
उत्तर में खड़ा हिमालय,
वीरों की गीत गाता
हमारे शहीद वीर सैनिकों,
की शौर्य गाथा सुनाता।
महात्मा बुध जन्मे,
लोगों को ज्ञान प्रशस्त करते।
राम धरती पे जन्मे ,
मर्यादा पुरषोत्तम बन
नाम अमर कर डाला।
भारत की अमर गाथा।
गीता और पुराण में,
भारत की सुकर्म की खुशबू
मिट्टी और गली खलिहान में।
भारत की संरचना
सिंधु के तरंगों में।
भारत की अमर गाथा,
पौराणिक और महान है।
भारत अनेकता में एकता
का पाठ भी है पढ़ाता।
भारत आपस में धर्म,
निरपेक्षता का संदेश
भी है सुनाता।
यहां गंगा यमुना बहती,
पवित्र स्वच्छ संगम धारा
यहां पर्वतों से बहते ,
अनुपम झरनों की धारा।
यहां सीता लक्ष्मीबाई वीरांगना,
अवतरित होके इस भारत ,
भूमि को तारा.
यह जन्म भूमि भारत।
यह धर्म भूमि भारत।
यह मातृ भूमि भारत।
यह पुण्य भूमि भारत।
यह कर्म भूमि भारत।
यह स्वर्ण भूमि भारत।
यहां चरण तले मांँ के
सिंधु भी अपना शीश
नवाता।
चिड़ियां चहक के ,
भारत की सुकर्म,
गीत है सुनाता।
बलखाती हवा भी ,
झूम के आजादी के
विश्मरणीय गीत गाता,।