आज हम आज़ाद हैं
आज हम आज़ाद हैं
आज हम आज़ाद हैं,
कितनी फ़क़्र की यह बात है,
पर किसने दिलाई आज़ादी,
क्या हमें यह याद है।।
जिसके थे मजबूत इरादे,
अंग्रेज़ों को जो धूल चटा दें,
नाम है उसका मंगल पांडे।।
लिए तलवार थी घोड़े पे सवार,
उतरी मैदान में करने अंग्रेजों से लड़ाई,
नाम है जिसका रानी लक्ष्मी बाई।।
अभी तो आज़ादी की लड़ाई हुई थी शुरू,
त्रिमूर्ति थे वों जिनपर देश को है गुरूर,
नाम है जिनका भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु।।
दिमाग से तेज़ और जिनके रग रग में भरा जोश,
जिन्हें देख अंग्रेजों के उड़ जाते थे होश,
नाम है जिसका सुभाष चंद्र बोस।।
अहिंसा थी जिनकी ताकत और हथियार थी जिनकी खादी,
आज़ादी की लाई उसने ज़ोर की आंधी,
नाम है जिनका महात्मा गाँधी।।
हाँ हमें याद है,
कितनों ने दी है क़ुर्बानी,
इस मिट्टी, इस देश और हम देशवासियों के लिए,
लिख दी नई कहानी।
तभी तो आज हम आज़ाद है,
हम ना भूले हैं और ना कभी भूलेंगे,
शहीदों की वीर गाथाएँ,
जब इस देश पर संकट आई,
तब सारे हिंदुस्तानी एक हो जाए।
इसलिए तो हम आज़ाद हैं,
कितनी फ़क़्र की बात है।।