आए जीवन बार-बार
आए जीवन बार-बार
आए जीवन बार-बार
ना आए मानवतार
हरे राम और हरे कृष्ण
तू जपले बारंबार।
यहां रहा न राज मराठा
रहा न राज दरबार
हरे राम और हरे कृष्ण
तू जपले बारंबार।
मोह माया बेईमानी चोरी
छोड़ दे तू अहंकार
हरे राम और हरे कृष्ण
तू जपले बारंबार।
हाथ पांव न बांधे बैठो
तू कुछ कर मेरे यार
हरे राम और हरे कृष्ण
तू जपले बारंबार।
कुछ आए ना आए
करना सीखो सबसे प्यार
हरे राम और हरे कृष्ण
तू जपले बारंबार।
