आडंबर की चकाचौंध
आडंबर की चकाचौंध
पेड़ की खाल में लिपटा
आदिवासी बेढंगा था
ना था बगुला भगत
ना ही सियार रंगा था।
महंगे आभूषणों से सुसज्जित,
रंग-बिरंगे परिधान हैं
आडम्बर के चकाचौंध भरे परिवेश में
धूमिल हुई इंसान की
असली पहचान हैं।
दिखते कुछ और हैं
बिकते कुछ और है
इंसान के दोगलेपन से
इंसान ही परेशान हैं।
आडम्बर के बाज़ार की चकाचौंध में
दफन हो जाते हैं मुर्दे बिन कफन
कफन का इंतजाम करने वालों का
कफन का फलता-फूलता कारोबार हैं।
