*आ जाओ ना मां *
*आ जाओ ना मां *


सुलाने मुझे अनाथ को खुद जागती रही
सहराने देर तक मेरे पास बैठी रही
मेरे सपनों को अब कौन पूरा करेगा मां
मुझे आंचल में लेने आना ही होगा मां।
कभी तो मिलने आना मां
दर्शन को आतुर मैं अनाथ, मां।
है विपद काल फिर से अनाथों पर आया
भूचाल धरा पर फिर से छाया।
करोना से अनाथ बच्चे बढ़ रहे है
दिशाहीन होकर भटक रहे है।
देख नहीं मां तुम भी पाओगे
द्रवित हृदय ले दौड़े आओगे।
ओ मां अब फिर से आना होगा
दुखों से मुक्ति दिलाना होगा।
जब-जब कष्ट पड़ेगा अनाथों पर
तब तब मां तुम्हे आना होगा।
उजड़ गए हैं कितने लोगों के घर
बिखर गए हैं मासूम फूल दरबदर।
अनाथ कोई और अब ना हो पाए
चिराग किसी घर का ना बुझ जाए।
हम सब तो तेरे ही है बालक
तुम्हीं हमारी माता और पालक।
हे मां अब तो आ जाओ
अनाथ होने से हमें बचाओ।