रियल हीरो
रियल हीरो
"डॉक्टर संसार के रियल हीरो होते हैं जो जीवन की रक्षा करते हैं।" वाकई आज के ज़माने में डॉक्टर किसी फरिश्ते से कम भी नहीं हैं। भगवान एक बार जीवन देकर भेज देते हैं लेकिन डॉक्टर्स बार बार हमारे जीवन को बचाते हैं।
ये कहानी हैं उन रियल हीरो की, जो पेशे से डॉक्टर हैं मगर जिन्होंने अपने कर्तव्य के आगे अपने स्वास्थ्य को भी ताक में रख दिया।
पिछले लॉक डाउन के दौरान डॉक्टर शर्मा की ड्यूटी दूसरे शहर में लग गई और उन्हें अपने परिवार से दो महीने दूर रहना पड़ा।
जब जून में लॉक डाउन खुला तो डॉक्टर शर्मा वापस अपने परिवार के साथ रहने लगे। सारा परिवार बहुत खुश था । बच्चे ,पत्नी और डॉक्टर शर्मा सब एक - दूसरे से इतने दिनों बाद मिल रहे थे। यूं तो बस वीडियो कॉल में ही देखना होता था।
कुछ दिनों बाद डॉक्टर शर्मा वापस अपने शहर में ही हॉस्पिटल जाने लगे। थोड़े दिन बाद उन्हें अचानक से कमर में दर्द होने लगा। उन्होंने मालिश करवा ली और दर्द पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
एक दिन एक महिला अपने पति के साथ , डॉक्टर शर्मा को उनके हॉस्पिटल में दिखाने आई । पूरे महीने थे ।पूरी जांच करने के बाद डॉक्टर शर्मा ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी।
वो दंपत्ति वहां से ये सोचकर चले गए कि," किसी दूसरे डॉक्टर को भी दिखा लेंगे, क्या पता नॉर्मल डिलीवरी हो जाए", लेकिन उन्होंने किसी भी दूसरे डॉक्टर को नहीं दिखाया और नॉर्मल डिलीवरी के इन्तजार में दिन निकाल दिए।
पर शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
चार - पांच दिन निकल गए । एक शाम डॉक्टर शर्मा का दर्द ज्यादा बढ़ गया तो उन्होंने हॉस्पिटल से छुट्टी ले ली और रात को ही दूसरे बड़े शहर में दिखाने के लिए अपने परिवार के साथ रवाना हो गए।
शहर पहुंचकर डॉक्टर से मिलें। उनकी सलाह के अनुसार जांचे करवाई गई। बस अब रिपोर्ट के आने का इंतजार था ।रात के दो बज गए थे ।
डॉक्टर शर्मा की अन्य डॉक्टर्स मित्रों से पहचान थी तो जांच का काम आधी रात में ही हो गया।
डॉक्टर शर्मा और पत्नी -बच्चे चिंता में थे कि पता नहीं रिपोर्ट में क्या आएगा!
अचानक उस हॉस्पिटल में एक चमत्कार हुआ ।एक महिला डिलीवरी के लिए आई । चेकअप के बाद डॉक्टर ने शीघ्र ही ऑपरेशन करने की बात कही।
मरीज़ के परिवार वालों की सहमति से ऑपरेशन की तैयारी की गई। मरीज़ को ओ.टी. में ले जाया गया और ऑपरेशन करने वाली लेडी डॉक्टर को कॉल किया गया, मगर वो डॉक्टर किसी कारणवश पहुंच नहीं पा रही थी।
थोड़ी -थोड़ी देर में फोन लगाया गया और जब बात हुई तो पता चला कि, उन लेडी डॉक्टर को आने में बहुत समय लगेगा, शायद ना भी आ पाए।
अब समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए?
इधर डॉक्टर शर्मा का कमर दर्द भी थोड़ा कम हो गया था। सब डॉक्टर , डॉक्टर शर्मा की तरफ देखने लगे क्योंकि वो ही उस समय वहां उस मरीज़ की डिलीवरी ऑपरेशन से कर सकते थे।
डॉक्टर शर्मा को भी सारी स्थिति पता चल चुकी थी। वो भी कभी अपने दर्द को देखते तो कभी उस मरीज़ के बारे में सोचते।
किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें! मरीज़ को भी अब ज्यादा देर ऑपरेशन रूम में इस तरह नहीं रख सकते थे।
थोड़ी देर में हिम्मत करके डॉक्टर शर्मा ने वहां के साथी डॉक्टर से कहा, "चलो मैं इनका ऑपरेशन कर देता हूं।" सब पहले तो चौंके ,पर हालात की गंभीरता को समझते हुए सब ने सहमति दे दी।
ऑपरेशन सफल रहा। आधे घंटे के बाद थकी हुई हालत में डॉक्टर शर्मा बाहर आए , पर उनके चेहरे पर अपने कर्तव्य को पूरा करने की खुशी साफ़ झलक रही थी।
ऑपरेशन के लिए जाते समय डॉक्टर शर्मा को पता चल चुका था कि यह, वो ही मरीज़ हैं जिन्हें उन्होंने अपने हॉस्पिटल में ऑपरेशन की सलाह दी थी ,पर ये लोग नॉर्मल डिलीवरी के प्रयास में थे।
बाद में सबने और उन मरीज़ के रिश्तेदारों ने कहा कि," शायद इस बच्चे को आपके ही हाथों इस दुनिया में आना था, इसलिए भगवान ने दो सौ किलोमीटर दूर वापस आपसे मिला दिया।" सबने अपने रियल हीरो के सम्मान में तालियां बजा दी ।
सबने डॉक्टर शर्मा को दिल से बधाई दी," जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर उस महिला की सफ़ल डिलीवरी करवाई।"
कुछ समय बाद डॉक्टर शर्मा की भी रिपोर्ट आ गई थी और वो उन्हें लेकर वापस अपने परिवार के साथ अपने घर के लिए रवाना हो गए।
