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Mohini Gupta

Inspirational

4  

Mohini Gupta

Inspirational

- शिव विवाह

- शिव विवाह

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बिन बुलाए गई ज्यों सती पिता दक्ष के यज्ञ में ,

सुनके घोर अपमान हुई आहत अपने आराध्य की ।

दे दी वही आहुति यज्ञ में दिया तन अग्निसन्मुख  ,

शिवशंकर हुए क्रोधित हो गए दुःख में समाधिग्रस्त  ।

लिया ब्रह्मा से वरदान इधर मृत्यु  ना हो शिवतनय  बिन , 

गंगाधर के ना होने पर तारकासुर ने आतंक मचाया  ।

शिव शक्ति मिलन ही कारण बनेगा तारकासुर वध  का, 

इधर हिमालय मैना घर सती पार्वती बन जन्म लिया ।

देख घोर समाधि में शशिशेखर को विरह विष सती ने पिया ,

करने भंग तपस्या महादेव की कामदेव को मनाया  ।

कामदेव ने पुष्पबाण से भोलेनाथ को जगाया  ,

त्रिनेत्र  खोल शिव शम्भू हुए अति क्रोधित ।

क्रोध  की ज्वाला में भस्म हुए कामदेव , 

भस्म हुए कामदेव समाधि से उठ  गए महादेव । 

सारा वृतांत कह सुनाया कुछ करो भोले भंडारी अब तो,

त्राहि त्राहि मच रही चारों और अंधकार गहराया  ।

शिव को विवाह के लिए मनाया  ,

शिव पार्वती पुत्र ही तारकासुर के विनाश का कारण होगा ।

सुन अनुनय विनय देवों की सृष्टि के कल्याण हेतु ,

हो गए राजी विवाह को शिव कैलाशी ।

सुन यह सुखद समाचार सारा जग हर्षाया  ,

जय हो देवों के देव महादेव जय हो !!



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