Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Saumya Jyotsna

Drama

3.0  

Saumya Jyotsna

Drama

बाढ़

बाढ़

5 mins
15.8K


केरल में आई प्राकृतिक आपदा से हमसब भली-भांति परिचित हैं|भीषण बाढ़ के रूप में आई उस आपदा ने, कई जिंदगियों को अपना ग्रास बना लिया| एक ऐसी त्रासदी जिसने सबकुछ मिटाकर रख दिया| पर जो न मिट सकी, वह थी आपस में प्रेम और मदद की लकीर| हर तरफ़ से लोग यथा-संभव अपनी मदद कर रहे थे| प्राथना और दुआओं के हाथ हर जगह उठ रहे थे| रेस्क्यू टीम के जांबाज जवानों ने अपनी जान खतरे में रखकर, कितनों की जिंदगियाँ बचाई| एक तरफ़ पानी का सैलाब होता,बेबस लोग होते तो वहीँ रेस्क्यू टीम के उम्मीद जागते कदम|जो लोगों की पूरी मदद कर रहे थे|

वहीँ केरल के एक गांव मारायूर में बसे लोग भी भीषण वर्षा से परेशान थे| पानी का बहाव भी, तेज वर्षा के कारण प्रचंड होता जा रहा था| लोग आपस में चर्चा कर रहे थे| कभी-कभी बारिश न होने के कारण सुखा पड़ जाता है, और कभी बारिश सबकुछ बहाकर ले जाता है| उनकी बातों में मायूसी भी थी| अपना गांव,अपने लोगों से बिछड़ने का गम भी| वहीँ सीढियों पर बैठी उस गांव की मुखिया, जो सबकी अम्मा थीं और बच्चों की परी अम्मा| झुर्रिदार चेहरा, जिसपर अब गड्ढों का बसेरा हो चला था| तोतली मुस्कान पर आँखों में कांतिमय चमक| जो उनके चश्मे के पीछे से झाँका करती थी| अम्मा सबकी बातों को बड़े हीं गौर से सुने जा रही थीं| गम तो उन्हें भी बहुत था, इस गांव के बिखरने का पर वह मजबूत बनी सबको हिम्मत बंधा रही थीं| सभी लोगों के जाने के बाद,वे वहीँ चुपचाप बैठी रहीं|

इतने में रेस्क्यू टीम के लोग वहां पहुँच गये| गांव में पहले ही ऐलान करवा दिया गया था बाढ़ के पानी के बढ़ने के कारण गांव के तरफ़ बने बांध को खोलना पड़ेगा| ऐसे में गांव में रहना खतरे से खाली नहीं है| अपने चश्मों को उतारकर फूंक मारकर अम्मा ने उसपर पड़ी धुल को हटाया और अपने आंचल से पोंछते हुए बोलीं, आदित्य बेटा, मुझे पता है कि अब हमें यह गांव खली करना पड़ेगा| सभी लोगों ने अपना सामान बांध लिया है”| उनकी आवाज़ में मधुरता भी थी, तो दर्द भी चुपके-से झांक रहा था| आदित्य ने कहा ‘जी अम्मा, पानी बढ़ रहा है| जिससे गांव के तरफ बने बांध को खोलना पड़ेगा| पानी का बहाव बहुत तेज है|और यहाँ रुकना खतरनाक होगा| आदित्य का सभी लोगों के साथ एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ गया था| अम्मा की आँखें पूरे गांव को अपलक निहार रही थीं| कैसे तिनका-तिनका जोड़कर इस गांव को बसाया गया था| गलियों में खेलते बच्चे| जिनसे अकसर अम्मा खूब बातें किया करती थीं| बच्चे भी उन्हें परी अम्मा कहकर बुलाते थे| क्योंकि उनके पास हर चीज का जवाब होता था| पर अम्मा के पास उस सवाल का जवाब नहीं था, जो कल श्यामा ने किया था परी अम्मा, क्या हम फिर से इस गांव में मिल पाएंगे? अम्मा ने इस बात को टालते हुए कहा, हम जहां जाएंगे साथ ही जाएंगे|

रेस्क्यू टीम लोगों को गांव से बाहर निकलने में मदद कर रही थी| शाम होते-होते आसमान में बिखरे काले बदल और भी ज्यादा काले हो गये| मानों पूरे आसमान ने काले बादलों की चादर ओढ़ ली हो| हर तरफ़ अँधेरा, तेज हवाओं की सनसन करती आवाज़ फ़ैल गई| मंदिर में तंगी घंटियाँ भी ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी| न आज शाम की आरती थी और न हीं शाम का दीया|सभी लोगों की आँखें नम थी| वे कभी अपने घर को निहारते तो कभी काले बादलों को| धीरे-धीरे पूरा गांव खाली होने लगा| आदित्य ने अम्मा को आवाज़ लगाई, अम्मा चलो गाड़ी आ गई है|अपने घर पर लगे नाम ‘अम्मा’ को अपने आंचल से पोंछकर वे भी गाड़ी में बैठ गई| गाड़ी अब चल पड़ी थी और पीछे सबकुछ छुटता जा रहा था| शायद यही सत्य है| आगे बढ़ने पर कुछ न कुछ तो छुट ही जाता है|

गाड़ी अपने गंतव्य पर पहुँच चुकी थी| सभी के रुकने का इंतजाम कर दिया गया था| सभी लोग आश्रय भवन में रुके थे| इतने में अम्मा को कहीं नहीं देखने पर आदित्य को उनकी चिंता सताने लगी| पूछने पर पता चला, वह वापस गांव की ओर बढ़ गई हैं, कह रही थीं की कुछ छुट गया है| गाड़ी तेज करता हुआ आदित्य वहां पहुँच गया| पुलिस की गाड़ी खादी देखकर उसने अम्मा के बारे पूछा, तो उन्होंने बताया, हां एक बूढी अम्मा आईं थीं, जो गांव के तरफ़ बढ़ने की ज़िद कर रही थी| पर बांध को हमने खोल दिया है| आदित्य की बेचैनी अब बढ़ने लगी थी...पर....वे कहाँ हैं?उसने पूछा| पुलिस ने इशारा करके बताया, वे वहां गाड़ी के अंदर बैठी है|हमने उन्हें नहीं जाने दिया|पानी का बहाव बहुत तेज है| आदित्य दौड़कर अम्मा के करीब पहुँच गया| अम्मा के आंसुओं का बांध भी अब टूट चूका था| जिसे बारिश के छींटों ने भी अपने साथ बहा लिया था|  


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama