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DISHA SHAH

Inspirational

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DISHA SHAH

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बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा

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ये कहानी बिरसा मुंडा की है, बिरसा मुंडा एक आदिवासी संग्रह के स्वतंत्र सेनानी थे।

आदिवासी के लोग आज भी उन्हें भगवान मानते है।

उन्हें २५ साल जिया लेकिन, २५ साल में जो किया अपने देश के लिए, वो अधिक प्रेरणा स्तोत्र है, आज के युवा के लिए,  

वैसे बिरसा मुंडा का जनम १५ नवंबर १८७५ में उलिहातू गांव में झारखंड में हुआ था, वो आदिवासी किसान के परिवार से थे।

 बिरसा मुंडा को बचपन से ही अंग्रेजों के प्रति नाराजगी थी।

जब उन्हें पढ़ाई ख़तम की, तब उन्हें देखा की आदिवासी में वो अंधविश्वास है, उस समय जमींदार और ब्रिटिश जागीरदार का शासन था।

बिरसा मुंडा ने तमाम आदिवासी को स्वच्छता, संस्कार, सही और गलत का रास्ता दिखाया।

बिरसा मुंडा ने तमाम आदिवासी को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक परिस्थिति, नेतृत्व और सामाजिक तौर पर बुलंद बनाया।

बिरसा मुंडा ने तमाम आदिवासी को एकजुट किया। जिससे मुंडा समाज बना। 

एक बार ऐसा हुआ की अंग्रेजों को कोयला खदान के जगह खेती खड़ी करनी थी, लेकिन बिरसा मुंडा ने ये होने ही नहीं दिया, बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि जीते भी।

बिरसा मुंडा ने उलगुलान आंदोलन किया था 

 १८९५ में बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया गया था।

जिससे २ साल की जेल की सजा हो गयी थी।

अंग्रेजो और जमींदार के खिलाफ उन्हें सभी आदिवासी को एकजुट कर लिया था।

बिरसा मुंडा एक आदिवासी युवा नेता बन गए थे, और लोग उन्हें धरती बाबा भी बोलते थे।

आदिवासी के लिए तब भी बिरसा मुंडा भगवान थे और आज भी भगवान है।

१८९७ से १९०० तक बिरसा मुंडा और अंग्रेजों की लड़ाई होती रही।

१९०० में बिरसा मुंडा पहाड़ में आंदोलन कर रहे थे, तब ही अंग्रेजों आये, और उससे फिर से गिरफ्तार कर के ले गए। और वहाँ बहुत सारे लोगों की जान चली गयी थी। 

और ९ जून १९०० को बिरसा मुंडा शहीद हो गए थे।

अंग्रेजों ने जहर दे के मार दिया था।

 बिरसा मुंडा की जयंती के माध्यम से १५ नवंबर २०२१ से ही जन जाती गौरव दिवस मनाया जाएगा ऐसा भारत सरकार ने जाहिर किया था ।

 बिरसा मुंडा के नाम से रांची एयरपोर्ट भी बना हुआ है। झारखंड में, म्यूजियम भी बनाया गया है, और बिरसा मुंडा की फोटो संसद भवन में है।

और ताज्जुब की ये बात, है की इतिहास के पन्ने मैं इनके बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है।

बिरसा मुंडा के वजह से ही झारखंड राज्य खड़ा हुआ था।

४०% खदान और २५ % कोयला उत्पादन होता है।

बिरसा मुंडा ने ही लोगों के अंदर आजादी की आग जगा दी थी।

आज भारत आजाद है, तो उनमें बिरसा मुंडा का भी योगदान था ।

बिरसा मुंडा की कहानी से हम ज़िन्दगी में बहुत कुछ सीख सकते है।

ये कहानी हमें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा सिखाती है। 


  



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