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Bhawna Kukreti

Inspirational

4.3  

Bhawna Kukreti

Inspirational

माँ न हो तो!

माँ न हो तो!

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मां,मां होती है

वो सास है तो भी

माँ ही होती है

बेटी हो या हो बहू

वो भी माँ से ही 

जन्मती है

माँ ही बनती है।


स्वभाव से 

कोई भी स्त्री 

चाहे सिंहनी हो 

या हो कोई भोली गैया

मातृत्व की हमेशा 

रहेगी वो नदिया।


क्षणिक 

उन्माद में जो 

स्त्री भूल जाती है

मातृत्व का ऋण

वह तुच्छ हृदया है,

है जैसे नेत्र में

अनावश्यक तृण।


माँ को ईश्वर ही

समझिये न समझिये

सांसारिक सम्बन्ध

वो मां ही है 

जो नित भरती है

सबके जीवन में 

ममता की सुगंध।


माँ न रहे जीवन मे

तो अनाथ सा 

भटका फिरे हर मन

कि हर खुशी मे 

बस कमी बनी रहती है

माँ तुमसे ही जीवन मे 

मेरी हर उम्मीद बनी रहती है।


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