एक ख्वाब
एक ख्वाब
कुछ साल पहले, एक ख्वाब देखा था|
ख्वाब ऐसा जो, हकीकत लगने लगा था||
ख्वाब में तुम कुछ, सपने पिरो गए|
जीने कि एक, नई आशा जगा गए||
जाने कहाँ से आये थे तुम|
सच थे या एक ख्वाब हो तुम||
आज भी कई बार मेरे सपनो में आते हो तुम|
हर बार एक नई उम्मीद जगा देते हो तुम||
अरे ये तो बता दो, आखिर कौन हो तुम|
फ़रिश्ते हो या आने वाले कल का एहसास हो तुम||