वह जगह कौन सी है ?
वह जगह कौन सी है ?
घर की दीवारों ने भले ही बचपन देखा हों
लेकिन यादें तो किसी और ही दीवारों में छिपी हुई है
घर में बने हैं खून के रिश्ते
तो वहां दिल के नाते
वह दीवारें आज खो गई
वह जगह आज खो गई है
ना जाने कौन से को ने में
वह जगह कौन सी है?
मम्मी-पापा का हाथ छोड़कर
गए थे वहां किसी और का हाथ थामकर
मां को बिना बताकर
किसी अजनबी से बोले थे पहली बार
वह जगह आज खो गई है
ना जाने कौन से को ने में
वह जगह कौन सी है?
ना पता कब,
हमारी छोटी सी दुनिया कब बड़ी हुई
ना पता कब,
हमारा नन्हा सा परिवार बढ़ता गया,
ना पता कहां
वह जगह आज खो गई है
ना जाने कौन से कोने में
वह जगह कौन सी है?
स्कूल के दूजी
वह जगह नहीं कोई,
किसी के लिए पाठशाला,
तो किसी के लिए विद्यालय,
वह स्कूल आज खो गई है
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
सुबह का बस का हॉर्न,
आज भी उस बसस्टॉप की याद दिलाता है,
मम्मीयों की बातें,
पापाओं की कथाएं,
तो हमारी क्लास में की मस्ती की गाथाएं,
उस बसस्टॉप को रंगीन करती थी,
उधर से ही तो हमारा सफर शुरू होता था
उस स्कूल की ओर,
वह स्कूल आज खो गई है
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
बस में चढ़ते थे
मिलकर शैतानियां शुरू हो जाती,
बस की मौसी हमसे परेशान,
Girls v/s Boys के last seat पर बैठने के लिए झगड़े,
वह रोज रोज की बातें,
आज अनुभव नहीं कर सकते,
क्योंकि वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
A, B, C, D हो या 1, 2, 3
या अ, आ, इ ,
शुरुआत अज्ञान के अ से हुई,
और अंत ज्ञान से भरपूर ज्ञ से,
फिर से jr kg. में जाना जी चाहता है
पर........
वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
हिचकी आहतों से भले ही शुरू हुआ हों,
लेकिन कब वह रिश्ता दोस्ती में बदला?
जो एक - दूसरे से बोलने से घबराते थे
वह कब एक - दूसरे के लिए स्कूल में आने लगे
कब वह एक साथ punishment लेने लगे
वह दोस्ती आज तो है
पर कुछ अलग सी लागती है,
क्योंकि वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
पेन फाइट का मुकाबला हों
या फुटबॉल, क्रिकेट की मॅच
बेस्ट फ्रेंड के लिए कभी-कभार चिटिंग करते
हारी टीम को लूजर लूजर चिढ़ाते
वह जितने की खुशी और.......
वह हारने का ग़म आज खो गया है
क्योंकि वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
घर में करते मां मां
स्कूल में सर सर, मिस मिस
कभी फेवरेट बनते
तो कभी खडूस
मार , सजा और डांट खाने में अलग ही मज़ा आता था
क्योंकि उनके डांट में भी प्यार था
आज जब वह मिलते हैं तो मार, डांट, सज़ा नहीं देते
क्योंकि वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी?
वह स्कूल आज भी हमें दिखाई देती है
हमारे सपने में, ख्यालों में
भविष्य जीवन है तो बिता समय जीने की उमीद
उस क्लास में जाकर बच्चा बनना चाहता है दिल
पर हां, यह बस एक सुंदर सपना है
क्योंकि वह स्कूल आज खो गई है,
ना जाने कौन से कोने में
क्या वह जगह हमारी अपनी स्कूल थी ?
हां, हां, वह जगह हमारी अपनी स्कूल है
और हमारी आखरी सांस तक
वह जगह हमारी अपनी स्कूल रहेगी
रिश्ते में भले ही आए दूरी
लेकिन यहां जुड़ा कोई रिश्ता तुट नहीं सकता
मन से तो हम हमेशा स्कूल में होते हैं
दिमाग भले ही भूल जाएं
पर दिल के हर कोने में स्कूल है
क्योंकि वह हमारी अपनी स्कूल है
क्योंकि वह हमारी अपनी स्कूल है।
