STORYMIRROR

कॉलेज का सफ़र

कॉलेज का सफ़र

1 min
15K


निकल पडे़ है उस राह पै,

जिंदगी कॆ नए सफ़र पै।

घर से दूर,

मंजिल कि और।


पल ना खौ जाए ये सुहाने,

याद आ रहे है कुछ किस्से पुराने।

कॉलेज की दुनिया हि यी प्यारी,

वो दोस्तों कि यारी।


बंक करके मूवी जाना,

साथ था ये उमर भर निभाना।

कैंटीन में साथ बैठकर खाना खाना,

और ज़ोर - ज़ोर से हसके लोगो को सताना।

झगड़ने पर ऐक दूसरे को मनाना,

यह पल हि तो है ऐक खजाना।


कॉलेज आना तो बहाना था,

क्रश को देखकर मुस्कुराना था।

पाँच साल का सफ़र असान नहि था,

उन दोस्तों के बिना ये मुमकिन नहि था।

कॉलेज होता ही है ऐसा,

एक सपने जैसा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama