ये तूने क्या किया !
ये तूने क्या किया !
ये तूने क्या किया
कैसा मुझे दर्द दिया
मैं ढूँढू उसे हर कहीं
जानू न पर कहाँ उसकी गली।
कल जो था पास मेरे
जाने कहाँ खो गया
सोचूँ मैं हर मोड़ पर बस वो ही खड़ा ।
मैं पुकारूँ
वापस कोई आवाज़ देता नहीं
मेरे दिल की नमी पर कोई रोता भी नहीं
मेरी वफ़ा का ये कैसा सिला
कैसा मुझे दर्द मिला ।
घायल बोल मेरे
सुखे होंठों पर सजे
फिसलती रेत सी
मुझे मेरी दुआ लगे
नश्तर की नोक पर
रिसता मेरा जिया
ये तूने क्या किया
कैसा मुझे दर्द दिया...