मुहब्बत में तो एक न एक दिन.
मुहब्बत में तो एक न एक दिन.
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी
जाके दूर तुम मुझसे
न फिर कभी पास आओगी
मैं तड़पूंगा, मैं टूटूँगा,
टूटकर के मैं बिखरूंगा
बिखरता देख के मुझको
तुम मन ही मन मुस्कुराओगी।
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी।
वादे तो अभी करती हो
बाद में भूल जाओगी
मुझसे रूठकर मुझको सनम
तुम खूब सताओगी
अभी तो रोज़ मिलने को सनम
हमको बुलाती हो
हमें ही देखकर एक दिन तुम
आँखे फेर जाओगी।
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी।
साथ तो अभी देती हो
बाद में छोड़ जाओगी
ये मैं भी नही जानता कि
किस ओर मुड़ जाओगी
न जी सकूँगा
न मर सकूँगा
हाल कुछ ऐसा होगा
ये दिल है आईना मेरा
इसे तुम तोड़ जाओगी।
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी।
आज मुझको हँसाती हो
कल मुझको रुलाओगी
जो जाऊँगा पास मैं तेरे
तुम मुझसे दूर जाओगी
अकेले ही मैं रह जाऊँगा
मुझको ये भी मालूम है
खिलौना जानकर तुम तो
दिल से खेल जाओगी।
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी।
आज आँखे मुझसे मिलाती हो
कल आँखे तुम चुराओगी
आज जो हाथ मिलाया है
इसे कल तुम ही छुड़ाओगी
मानता हूँ किसी को भूलना
आसान नही लेकिन
मुझे तो ये भी मालूम है कि
तुम भूल जाओगी।
मुहब्बत में तो एक न एक दिन
मुझको छोड़ जाओगी...।