अभी बाकी है मेरा मैं होना
अभी बाकी है मेरा मैं होना
परिंदों की असली उड़ान अभी बाकी है,
छूना ये ऊँचा आसमान अभी बाकी है !
पंखों में भरकर बिजलियों की तल्ख़ी,
गगन को नापने का अरमान अभी बाकी है !
हौसलों की हवाओं को साँसों में भरकर,
परिंदों को फिर भी उड़ाना है थककर !
थोड़ा ठहर दम लेने दे ए ज़माने,
के पंखों में थोड़ी थकान अभी बाकी है !
तेरे तस्सवुर में मेरा अक्स अभी धुँधला है ,
पर ग़ौर कर के मेरा नामो निशाँ अभी बाकी है !
अभी बाकी है मेरा मैं होना ए साहिब,
के पाना सारा जहां अभी बाकी है !