STORYMIRROR

Tilak Sharma

Inspirational

4  

Tilak Sharma

Inspirational

क्या नारी ये कर पाओगी

क्या नारी ये कर पाओगी

1 min
511

आधे अधूरे सपने लेकर 

कब तक तुम जी पाओगी,

कुटिल वांचना और तानों संग 

आंसू भी पी जाओगी।


कभी कौड़ियों भाव बिकोगी,

कभी जलाई जाओगी।

प्रेम प्यार सबको बांटो,

पर तिरस्कार तुम पाओगी।


जीवन दाती होकर भी तुम,

तिल तिल कर मर जाओगी।

कब समझा है तुम्हें ज़माना,

क्या उसको समझोगी,


नहीं बराबर मानेंगे वो

सदा क्षीण कहलाओगी

चरित्र तुम्हारा ही आंकेंगे

क्यूंकि तुम तो नारी हो


उनके आगे क्या खुद को  

सच्चा साबित कर पाओगी

छोड़ो ऐसी बातों पर क्यों

मन को भारी करती हो

प्रतिकार करो, अधिकार धरो

क्या नारी ये कर पाओगी ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational