हमराह
हमराह
चाहता हूँ मेरा हमराह ख़ूबसूरत हो
जिसे पाकर मुझे कुछ भी न फिर जरुरत हो
चाँद के साथ जले दिन को भी विसाल करे
लबों पे इश्क बसे वो ख़ुदा की मूरत हो
मुस्कुराये तो लगे बिजलियां चमकती हो
पास आये तो लगे बारिशें महकती हो
सांस छूले तो लगे आग बुझाये सावन
चाहते हो उसे के यार की जरुरत हो