नारी – एक प्रेरणा
नारी – एक प्रेरणा
कितनी तारीफ करू ऐ नारी तेरी
बस दुआ है हमेशा ख़ुशियों से भरी रहे झोली तेरी
जीवन में कई कठिनाईयों से तुम लड़ी
पर कम न कभी तुम्हारी हिम्मत पड़ी
शादी कर के छोड़ा बाबुल का आँगन
और फिर बदला वो नाम जो बचपन से था तुम्हारी पहचान
ससुराल के नए परिवार में गीली मिट्टी सी तुम ढली
रखा सबका ख्याल और लायी उनके जीवन में ख़ुशियाँ नई
क्षेत्र चाहे हो पढ़ाई, राजनीति, खेल या अंतरिक्ष की ऊचाई
तुमने अपने बलबूते पर आगे बढ़कर अपनी पहचान बनायी
हर क्षेत्र में पुरुषों से बढ़कर कौशल तुमने दिखाया
नारी को कमजोर समझने वालो को तुमने अच्छा सबक सिखाया
इस धरती पर जीवन देने वाली माँ दुर्गा हो तुम
बुराई का विनाश करने वाली माँ काली हो तुम
दुश्मनों का हिम्मत से अंत करे वो रानी लक्ष्मीबाई हो तुम
माँ सरस्वती सी कला तुम में और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हो तुम
तुम्हारा जीवन इस पुरुष प्रधान समाज के लिए एक सन्देश है
कि नारी कमजोर और निर्बल नहीं, आत्मनिर्भर है
स्नेह, करुणा, साहस, त्याग और सब्र की परिभाषा हो तुम
वाकई नारी ...एक ख़ूबसूरत प्रेरणा हो तुम ... I