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मिली साहा

Abstract Tragedy Inspirational

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मिली साहा

Abstract Tragedy Inspirational

अंधविश्वास

अंधविश्वास

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देश, समाज और स्वयं के विकास पर, है ये एक प्रबल प्रहार,

अंधविश्वास की जड़ें इस कदर फैल रही, मन हो रहा बीमार,


अंधविश्वास खोखला कर रही समाज को, है ये बड़ी समस्या,

जड़ें इसकी इतनी मजबूत, शिक्षा को भी कर देती दरकिनार,


अनपढ़ हों या पढ़े-लिखे सभी फंस जाते हैं इसके शिकंजे में,

ऐसे-ऐसे तर्क दिए जाते हैं इसके कि विज्ञान भी मान ले हार,


दलदल है यह ऐसा, बिन सोचे समझे धंसते चले जाते इसमें,

कोई लाभ नहीं कोई सुख नहीं इसमें, है केवल दुःख का द्वार,


अंधविश्वास वो जंजीर, जो सुख के पलों को बाँधकर रख दे,

क्षीण कर दे बुद्धि भी मानसिक शारीरिक कष्ट का ये आधार,


टोना, टोटका, जादू यह तांत्रिक कर्म, क्यों हिस्सा समाज का,

समस्या यह विकट, हर तीसरा व्यक्ति हो रहा इसका शिकार,


कुछ अंधविश्वास की मान्यताएं ऐसी, जीवन की बलि चढ़ा दे,

फिर भी इन मान्यताओं को, आगे बढ़ करते आ रहे स्वीकार,


अपना पराया सही गलत कुछ न दिखे, अंधविश्वास के आगे,

खोखला है ये, फिर भी मजबूती से हो रहा है इसका विस्तार,


ईश्वरीय आस्था, भक्ति, विश्वास सही, किन्तु अंधविश्वास नहीं,

कुछ लोग आस्था के नाम, कुछ भी करने को हो जाते तैयार,


ज्योतिष ज्ञान को, हद से ज्यादा मानना भी तो अंधविश्वास,

पाखंडी, धूर्त सदैव जिसका उठाते फ़ायदा, कर देते लाचार,


अंधविश्वास की मजबूत जड़ो ने कितने घर कर दिए तबाह,

फिर भी यह अंधविश्वासी वृक्ष, काटने को कोई नहीं तैयार,


मासिक धर्म को छुआ छूत, एक विधवा को बना देता डायन,

युगों युगों से स्त्रियाँ तो होती आईं हैं अंधविश्वास का शिकार,


छींक आने पे रुकना, काँच टूटना, बिल्ली का रास्ता काटना,

जोड़ा जाता इन्हें अंधविश्वास से, जिसका नहीं कोई आधार,


ऐसे ही कई दकियानूसी अंधविश्वासों से, ग्रसित है ये समाज,

क्या सही है क्या गलत, आकलन ही नहीं कर पा रहा संसार,


एक सच्चे ज्ञानी और लोभी में अंतर कर नहीं पा रहा इंसान,

तभी तो भगवा चोले के पीछे होते, कितने अपराधी व्यापार,


अंधविश्वास जो नुकसानदेह नहीं, है मानने में कोई हर्ज नहीं,

किंतु तकलीफदेह तब हो जाता, जब चरम सीमा करते पार,


दूध का फटना या उबल कर गिरना, है एक सामान्य क्रिया,

अंधविश्वास इसे भी बना देता है, टोने टोटके, जादू का वार,


कितनी समस्याएँ हैं देश में, हो नहीं पाता है उनका निवारण,

ऊपर से समाज को पीछे ढकेल रही, ये अंधविश्वासी विचार,


जहाँ इतनी तरक्की कर रहा है देश, शिक्षित हो रहा समाज,

तो इंसान के मन क्यों घर बना रहा यह जादू और चमत्कार,


हर समस्या का समाधान है, बस जागरूकता की है ज़रूरत,

अंधविश्वास की कहानी बने वहीं, जहाँ नकारात्मक विचार,


नकारात्मकता मन से निकाल, खुद पे विश्वास करना सीखो,

कर्मशील बनो और सच्चाई को, सीखो सहज करना स्वीकार,


दुःख जीवन में आने से गलत राह न पकड़ो अंधविश्वास की,

कर्म पर विश्वास करो, अंधविश्वास नहीं है सफलता का द्वार,


अभिशाप है अंधविश्वास, जीवन से समाज से निकाल फेंको,

जो हमें कमजोर बनाए, उसे बनाना ही क्यों है जीवन आधार,


हमारी आने वाली पीढ़ी को, अंधविश्वास से अगर है बचाना,

तो इन अंधविश्वासी मान्यताओं का, करना होगा बहिष्कार।


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