संघर्ष
संघर्ष
माँ, ये चेहरे की सिर्फ लकीरे नहीं हैं
ये तेरे संघर्ष की निशानियाँ हैं।
माँ तू ने जुबां नहीं खोली तो क्या?
तेरे चेहरे की लकीरें करती हैं बयानियाँ।
क्या करें तकदीर से तू लड़ नहीं सकती
बच्चों को पालने के लिए
हर दुख सह सकती है।
हारना तूने सीखा ही नहीं
मैं तो हरपल लिखना चाहती हूँ
तेरी विजय की कहानियाँ।