कोविड-19
कोविड-19
फैली जा ऐसी बीमारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।
मंदिर मस्जिद अरु गुरुद्वारे,
सब के बंद पड़े हैं द्वारे,
बैठे हैं सहमे पुजारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
बंद पड़ी हैं सब शालाएं,
शिक्षक घर-घर फोन लगाएं।
ऑनलाइन कर लो तैयारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
मैरिज गार्डन मैं ताले पड़े हैं,
पंगत में जावे के लाले पड़े हैं।
पान कहां बेचें पंसारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
घर में पड़े पड़े उकता गए,
घर को जमा सब राशन खा गए।
खटपट करें घरवारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
सामाजिक दूरी बना के राखो,
मास्क से अपने मुंह नाक को ढाको।
टीका लगवाओ अपनी बारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
घर में रहकर समय जो काटो,
सैनेटाइजर सबै को बांटो।
छोड़ो,सबै दुनिया दारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
भोर में जल्दी से उठ जाओ,
योग करो और ध्यान लगाओ।
बड़ जै है ताकत तुम्हारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
बाबा रामदेव नित समझावें,
8 बजे इंडिया टीवी पे आवें।
इनके हैं हम सब आभारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
फैली जा ऐसी बीमारी,
कोरोना ने रंगत बिगाड़ी।।
