वक़्त
वक़्त
ये वक़्त का खेल है यारा
कभी शाम कभी सवेरा।
कुछ हमारे बस में नहीं
कभी हम खुद के बस में नहीं।
पर बस कर कभी कहीं रुक मत जाना
काले बादलों के अंधेरे से घबरा ना जाना।
इसे सावन का इशारा सोच झूम जाना
फिर देख सामने मंजिल नजर आएगी तुझे।
हर पल जिंदगी मुस्कराके गले लगाएगी तुझे।