कलाकार हूँ मैं
कलाकार हूँ मैं
कलाकार हूँ मैं
कल को निखार दूँगी
यह वादा है मेरा
अपने कलम की रफ़्तार से
कल को सँवार दूँगी
कहानीकार नहीं कहानी हूँ मैं
दिल में उठते अनगिनत विचारों
की लहर हूँ मैं
लेखक द्वारा बुनी एक अद्भुत
कल्पना हूँ मैं
बसाए हुए अपनी एक अलग
ही दुनिया
रहती हूँ किताबों में यहीं कहीं
जब जी चाहे
कहानी के पात्रों को एक नया
नाम दूँगी
बदल किरदार अपना
कल को नया आकार दूँगी
कवि नहीं कविता हूँ मैं
भावनाओं की बहती एक
दरिया हूँ मैं
कवि द्वारा रचित एक सुंदर
रचना हूँ मैं
इन सुनहरे अक्षरों में बसती
है मेरी जान
अल्फाजों की खिड़कियों से
झाँक रहे मेरे अरमान
दिल के सारे जज़्बातों को
चंद शब्दों की गहराइयों में डाल
कल को उभार दूँगी
कलाकार हूँ मैं
कल ज़िंदगी को जीने का
नया आधार दूँगी
यह वादा है मेरा
अपने कलम की रफ़्तार से
कल को एक नया उपहार दूँगी