काश तुम इतने बेवफ़ा ना होते
काश तुम इतने बेवफ़ा ना होते
काश तुम इतने बेवफ़ा ना होते
हम तुमसे कभी जुदा ना होते
मैं माफ़ ना करता तुम को कभी
अगर तुम मेरे ख़ुदा ना होते...
हम इतने तनहा जिये ना होते
काश तुमसे मोहब्बत किये ना होते
हम अजनबी होते दर्द-ए-ग़म से
अगर तुम फूलों का साया दिए ना होते...
हम बीच मंझधार में फँसे ना होते
काश तेरा नाम दिल पर लिखे ना होते
तुझे एक पल भी ना देखती मेरी निगाहें
अगर तुझ को बाँहों में हम भरे ना होते...
इतने आँसू मेरे गिरे ना होते
काश तुम मुझसे मिले ना होते
सांसों की लड़ियों को खत्म कर देते
अगर उन सांसों में तुम बसे ना होते...
काश तुम इतने बेवफ़ा ना होते
हम तुमसे कभी जुदा ना होते....