Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kawaljeet Gill

Abstract

2  

Kawaljeet Gill

Abstract

प्यारी सी दुनिया

प्यारी सी दुनिया

1 min
149



वो पागला क्या समझ पायेगा प्यार हमारा

जो हमको ही ना समझ पाया,

जिंदगी की राहों में हमदर्द तो बहुत मिल जाएंगे

पर हम को जिसकी तालाश है वो ही हमको चाहिये

हर किसी के कंधे पर सर रख कर हम रोना नहीं जानते

हम कुछ अजीब है इस दुनिया में,

मर भी गए जो किसी रोज़ तो यह आँखे उसी को तालाश करेगी

जिसको चाहा है हम ने दिल से,

हर किसी के बस में नहीं होता नयी दुनिया बसाना बार बार

एक बार जो उज ड़ जाते वो गुलशन दुबारा खिलते नहीं,

काश तुम को थोड़ी सी हमारे प्यार की कदर होती तो

आज अपनी भी एक प्यारी सी अपनी दुनिया होती ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract