प्यारी सी दुनिया
प्यारी सी दुनिया
वो पागला क्या समझ पायेगा प्यार हमारा
जो हमको ही ना समझ पाया,
जिंदगी की राहों में हमदर्द तो बहुत मिल जाएंगे
पर हम को जिसकी तालाश है वो ही हमको चाहिये
हर किसी के कंधे पर सर रख कर हम रोना नहीं जानते
हम कुछ अजीब है इस दुनिया में,
मर भी गए जो किसी रोज़ तो यह आँखे उसी को तालाश करेगी
जिसको चाहा है हम ने दिल से,
हर किसी के बस में नहीं होता नयी दुनिया बसाना बार बार
एक बार जो उज ड़ जाते वो गुलशन दुबारा खिलते नहीं,
काश तुम को थोड़ी सी हमारे प्यार की कदर होती तो
आज अपनी भी एक प्यारी सी अपनी दुनिया होती ।