भगवान की प्रार्थना
भगवान की प्रार्थना
ग़र करवट बदलकर तुम्हारा जिस्म
माँ के जिस्म को छू जाये
और नम्र स्वाद शरीर में घुल जाये
तब समझना तुम खुशकिस्मत हो
अगर तपन में तुम्हारी सांस रूक जाए
तुम्हें काली छाया दिखने लग जाए
पर इसी वक़्त ग़र माँ का हाथ
माथे को छू कर सहला रहा हो
तब तुम समझना तुम खुशकिस्मत हो
भयानक सिर दर्द में दर्द कुरेद रहा हो
जब दवा-दारू का असर न हो
ठीक उसी समय ग़र दुआओं का झोका
तुम्हें छूकर गुज़र-बसर-असर कर जाए
तब समझना कहीं किसी जगह तुम्हारी
माँ के होंठ से भगवान प्रार्थना कर रहे हैं
तुम्हारे लिए