आँधी
आँधी
भीषण गर्मी के बीच
या अकाल के समय हो
थोड़ा सुकून तो देता है आँधी
तेज हवाएं,सर सर बहती
मानो उड़ा ले जाएगी सबको आज।
ओला, बारिश, तूफान, आँधी
जब भी आये
प्रभावित कर देती है भीतर तक
रुक जाता है जन जीवन कुछ पल
ठहर जाए यातायात।
मनुष्य का जीवन हो
या प्रकृति का
आँधी के बाद की तस्वीर
एक सी होती है
बिखरा बिखरा
या तो बिखर ही जाओ
या संवर जाओ।
जो खड़े रहते है सीधे तने हुए
उखड़ जाते है जड़ो से
जो झुक जाए
रह जाता है वो जीववटता से।