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Latika Choudhary

Romance

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Latika Choudhary

Romance

त्रिपदी

त्रिपदी

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 रानफुल तू

 का अबोल तू

 दिल खोल तू

 कधी कुरबुर

 जाता दुरदूर

 मनी हुरहूर

 तू श्रावणसर

 झरतो सरसर

 मुर्ती मनोहर

 कळ्याकळ्यातून

 शब्दफुलातून

 नाचे रुणझूण

 द्वेष हटू दे

 प्रित दाटू दे

 हर्ष लुटू दे

 गंध दरवळ

 चित्ती खळबळ

 उठते वादळ

 मज भेटली

 प्रित जुळली

 भाषा कळली


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