कविकुलगुरू कालिदास
कविकुलगुरू कालिदास
हे कवीकुलभूषणा | तूच कवितारमणा |
हे कालिदासा विद्वाना | चरणी मी नमितो ||१ ||
आजि तयांची महती | आषाढ प्रथम तिथी |
महिमा वर्णावा किती | श्रेष्ठ कालिदासांचा ||२ ||
दुष्यंत शकुंतलेची | अंगठी आठवणीची |
कथा असे विवाहाची | 'अभिज्ञानशाकुंतल' ||३ ||
निसर्गाचे ऋतू सहा | पशू पक्षी झाडे पहा |
सौंदर्याची खाण अहा! 'ऋतुसंहार' काव्य ||४||
काव्य 'कुमारसंभव' | शृंगार पार्वती शिव |
जन्म कार्तिकेय देव | वर्णन असे त्याचे ||५||
नृत्यांगना मालविका | अन् अग्निमित्र शासका |
प्रेमे वर्णिले नाटका |' मालविकाग्निमित्रम्' ||६||
खंडकाव्य 'मेघदूत' | यक्षाचे विरहवृत्त |
नेई यक्षपत्नीप्रत | आषाढ कृष्णमेघ ||७||
महाकाव्य 'रघुवंश' | ईक्ष्वाकू कुळाचा वंश |
रघुराजा ईश अंश | थोरवी असे त्याची ||८||
स्वर्गी अप्सरा उर्वशी | पूरुरवा प्रियकराशी |
ती उधळी प्रेमराशी | 'विक्रमोर्वशीयम्' ||९||
कालिदासाचा महिमा |गावा आनंदे सप्रेमा |
कालिदासाची उपमा|शब्दप्रयोग रूढ|१0|