कृपार्णवा(अभंग )
कृपार्णवा(अभंग )
मज पामरासी | भेटा भगवंता |
दर्शना अनंता | व्याकूळ मी||
तूच जगत्पति | वृंदावनी हरी |
विठ्ठल पंढरी | जगन्नाथा||
त्रिताप हरण | तुम्ही देवा करा ||
कष्ट सारे हरा | लेकराचे ||
पोटाशी हो धरा | हे स्वामी समर्था |
टाळा हो अनार्था | कृपार्णवा ||
तू गाय प्रेमळ | तुझे मी वासरू |
दुर्बल लेकरू | अवधूता ||
अन्यायी मी पापी | अपराधी कोटी |
घाल तू रे पोटी | गुरूदत्ता ||
दुःखाचा काळोख |दाटे हा अंधारु |
दूर नको सारू | दयाघना ||