मन की सैर
मन की सैर
आओ करे मन की सैर
शब्दों को सुनते तुमने किसी के भाव को सुना
बातों को जानते किसी की आत्मा को छुआ
दर्द को देख पीड़ा को महसूस किया
जाओ ह्दय के पार
जहां भावनाएं तैरती अपार
सुनो मन की आवाज
वहां है जीवन का सार
जो तुम करोगे ऐसा
स्वयं को पाओगे स्वयं जैसा