Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

4.0  

Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

जोश

जोश

2 mins
445




अंकुश आज बहुत तेज गाड़ी चला रहा था।इतनी तेज रफ्तार से उसने आगे कभी गाड़ी नही चलाई थी। उसे याद है कि उसके दोस्त उसका  म़जाक उड़ाया करते थे कि तेरी गाड़ी के साथ तो पैदल चलने वाले भी आगे निकल जाते हैं।लेकिन आज उसकी गाड़ी हवा से बातें कर रही थी।तेज रफ्तार और साथ में उंची आवाज में गाड़ी में लगे गानों के साथ वो खुद भी गा रहा था ।उसे खुद भी आज अपने ऊपर हैरानी हो रही थी।आज उसके दिल पर और उसकी स्पीड पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं था और ऐसे महसूस कर रहा था जैसे हवा के साथ बातें कर रहा हो। यह उसकी खुशी की रफ्तार थी.... आज उसने सिमरन से मिलने जाना है।

सिमरन....... उसे सोचते ही उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती थी।उसकी जिंदगी का दूसरा सपना जिसे वो आज पूरा करने जा रहा था।आज सारा मंजर बदला हुआ था।आज पहली बार उसे लग रहा था।जैसे कोई उसे आसमान में .......उड़ायें हुए ले जा रहा हो। इतनी तेज गाड़ी........कि हवा को भी चीरती हुई तेज गति से आगे बढ़ रही थी यह उसकी जवानी का जोश था और ऊपर से सिमरन की यादों में बहुत तेज गति से उससे मिलने के लिए वक्त को भी पीछे छोड़ रहा था। 


मोहन जी .....रोज की तरह सुबह की सैर को सडक़ पर निकले हुए थे..... अपने पास से इतनी तेज रफ्तार से निकली गाड़ी को देख वो....... मन ही मन बुदबुदायें .....आज कल के लड़के.... बहुत जोश चढ़ा है जवानी का ... डर ही नही है....खुद भी मरेगें.....सडक़ पर चलने वालों को भी  मारेगें ।तभी अचानक अंकुश को लगा.... वह गलत आ गया है।उसे नीचें वाली सड़क पर जाना था और वह फलाईओवर पर  आ गया है। थोड़ा आगे जा कर वो डिवाइडर से फिर मुड़ा।

ओफ्फोह...... बेटा.... अब फिर से पीछे मुड़.......बहुत जल्दी थी।वापसी पर उसने देखा सडक़ पर एक बुजुर्ग गिरे है... लगता है कोई गाड़ी हिट करके निकल गई है। तभी...... एक पल के लिए उसने सोचा कि वह निकल जाए लेकिन नहीं  ......वो निकल नही पाया और रुक गया ।वो भाग कर सड़क के दूसरी ओर गया। उसने देखा कि एक..... बुजुर्ग(मोहन जी) सड़क के किनारे  खून से लथपथ पड़े हैं ऐसे लग रहा था कोई गाड़ी उन्हें  हिट करके आगे निकल गई है आस- पास कोई भी नहीं था ।

चलिये मैं आप को हॉस्पिटल  ले चलता हूँ..... अंकुश ने ...मोहन जी को उठाते हुए कहा..... मोहन जी भी पहचान गए थे कि यह वहीं लड़का है...?जो अभी थोड़ी देर पहले तेज रफ़्तार से उनके पास से निकला था। अंकुश ने .....उन्हे उठाकर अपनी गाड़ी में बिठाया।

.......आप ठीक हो यह कहकर गाड़ी चलाने लगा ।मैं आपको पास के किसी हॉस्पिटल में ले चलता हूं सड़क पर 2 किलोमीटर की  दूरी पर  एक हॉस्पिटल दिखा। अंकुश उसी हॉस्पिटल में उन्हें ले गया उनकी मरहम- पट्टी करवाई ।डॉक्टर से पूछा .....इन्हें ज्यादा चोट तो नहीं लगी। डाक्टर  ने कहां ,.....नहीं ज्यादा नहीं लगी है बचाव हो गया है । अगर आप चाहे तो घर ले जा सकते हैं ।अंकुश ने उनसे घर का पता  पूछा...और कहां...... अंकल मैं आपको घर छोड़ देता हूं । आपका घर कहां है .... बेटा..... मेरा घर तुम्हारी लेन में पीछे वाले  फ्लैट में  है। मैं अक्सर तुम्हें ऑफिस जाते हुए देखता हूं  मैं उस समय सैर जा रहा होता हूँ.... आज जब तुम......... बहुत तेज गाड़ी चलाते हुए मेरे सामने से निकले तो...मैंने आज की युवा पीढ़ी  को कोसा कि..... जवानी के जोश  में  युवा पीढ़ी के मन में जरा- सा भी डर हीं नही है..... यह युवा पीढ़ी अपनी रफ्तार को  नियंत्रित ......कर पाएगी ।मैं  सुबह हर रोज की तरह....पैदल  सैर को निकला था और मुझे एक गाड़ी ने टक्कर मार दी और तुमने मुझे बचाया  लेकिन मेरी विचारधारा  को भी बदल दिया। उसके बाद मैंने सोचा युवा.... पीढ़ी सिर्फ रफ्तार .....ही नहीं जानती है...... अपनी जिम्मेदारीयों को भी जानती है। मुझ अनजान की  मदद की तो  मेरे  दिमाग़ में  सुबह जो तुम्हारी तस्वीर बनी थी...... उसके लिए तुमसे... माफ़ी चाहता हूँ... अंकुश ने ......कहां ...आप प्लीज़ ऐसा ना कहें..... माफ़ी मांग कर मुझे शरमिंदा न करें। मोहन ने कहा मैंने  तुम्हें मन के भाव बताए हैऔर मुझे खुशी है...... युवा पीढ़ी को रफ़्तार के साथ अपनी जिम्मेवारी का अपना पूरा होश है । मोहन ने ...उसे आशीर्वाद दिया । अंकुश उन्हें घर छोड कर वहां से वापस चला और सिमरन को याद कर मुस्कुराते हुए फिर से अपनी राह चल पड़ा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract