बर्थडे गिफ्ट
बर्थडे गिफ्ट
गोलू अपने जन्मदिन को लेकर बहुत ही उत्सुक था ।सुबह से कभी किसी दोस्त के घर कभी किसी दोस्त के घर जाकर उनको शाम की बर्थडे पार्टी के लिए इनविटेशन दे रहा था कि आज शाम को पांच बजे मेरे घर पर पार्टी है ।तुम सब जरूर आना और सब बच्चे उसके साथ टोली बनाकर कभी किसी के घर जा रहे थे तो कभी किसी के घर जा रहे थे कि आज गोलू के घर पार्टी है।
गोलू अपने जन्मदिन से कई महीनों पहले से ही अपने जन्मदिन को याद करके बातें शुरू कर देता था कि मैं यह लूंगा अपने जन्मदिन पर मैं यह करूंगा। और जन्मदिन निकलने के बाद भी वह इसी खुशी में रहता कि अब मेरा जन्मदिन इतने महीनों बाद फिर से आयेगा..... अब इतने महीने रह गए....... आज इतने दिन रह गए हैं। और जन्मदिन मनाने के बाद उसी दिन अगले जन्मदिन की तैयारियां करने लग जाता और सबको बताता मैं अपने जन्मदिन पर यह करूंगा और मैं वो करूंगा।
घर में कई दिनों से गोलू ने शोर मचाया हुआ था कि इस बर्थडे पर मैंने यह वाली डेकोरेशन करनी है। यह वाले बैलून लेने हैं और इस बार वह अपनी पसंद की सारी डेकोरेशन लेकर आया था। केक भी मैंने इस बार फोटो वाला लेना है ।अपनी फोटो वाला .....मैंने सोनू के बर्थडे पार्टी पर देखा था। सब तैयारियां बोल -बोल कर सबको करवा रहा था और बीच-बीच में अपने दोस्तों को घर में बुलाकर दिखा रहा था कि देखो ..... मेरी मम्मी ने कितना सुंदर सजाया है।
सभी बच्चे गोलू के साथ बहुत खुश थे कि आज पार्टी होगी हमें रिटर्न गिफ्ट मिलेंगे गोलू ने सब को बताया था कि इस पैकेट में सबके लिए रिटर्न गिफ्ट भी रखे हैं । सब बच्चे एक्साइटिड थे कि इन पैकेट्स में .....क्या होगा और कभी घर आते डेकोरेशन देखते खुश हो जाते, खाने की चीजें देखते और कुछ थोड़ा बहुत खा कर फिर चले जाते।
कभी पार्क में खेलने और शाम के इंतजार में कभी घर और कभी बाहर दोस्तों के साथ सारा दिन गोलू यही करता रहा ।जन्मदिन की सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी । विभा ने कहा..... गोलू अब तैयार हो जा। पांच बजने को थोड़ा ही टाइम रह गया है ।सभी दोस्तों को कह दिया है वह पांच बजे आ जाएंगे । यह कह कर.....गोलू अपने कमरे की तरफ तैयार होने के लिए भागता हुआ चला गया ।
तभी फोन की घंटी बजती है....... घर में काम करने वाली कुसमा का फोन था। दीदी मैं आज शाम को नहीं आ पाऊंगी ।आज सुबह जब मैं आपके घर से काम करके लौटी तो दीपू की तबीयत खराब थी ।अब शाम को उसको डॉक्टर के पास ले कर जाऊंगी।विभा ने उसे.... बोला ठीक है, ले जाना लेकिन थोड़ी देर के लिए तू आ जाना इतना टाइम नहीं लगाऊंगी आधा घंटा मेरे साथ थोड़ा निपटा जाना बच्चों की पार्टी के बाद। ठीक है दीदी मैं पहले इसकी दवाई ले आऊं फिर आते हुए आ जाऊंगी।
थोड़ी देर बाद पांच बजते ही गोलू के सभी दोस्त इकट्ठा हुए। सभी ने धूमधाम से गोलू का बर्थडे सेलिब्रेट किया खूब मस्ती की ,गुब्बारे फोड़े, डांस किया और रिटर्न गिफ्ट लेकर सभी बच्चे अपने- अपने घरों को चल
े गए और विभा ने कमरे में विखरी प्लेटों को इकट्ठा करना शुरू किया....तभी कोई 6:00 बजे के करीब कुसमा भी अपने बच्चे को दवाई लगवा कर लौटते हुए .... घर पर आ गई। जी.... दीदी.... कुसमा ने कहा.....कैसा है अब..... विभा ने दीपू की तबीयत के बारे में पूछा और कहा कि इसको यहां बिठा दो और तू मेरे साथ थोड़ा -सा सामान समेट दें बाकी कल कर लेंगे। यह कहकर कुसमा के साथ काम करने लगी तभी गोलू अपने दोस्तों को छोड़कर घर के अंदर दाखिल हुआ उसने दीपू को देखा और बोला क्या हुआ .....दीपू ।तू आज क्यों नहीं आया था मेरे बर्थडे पर दीपू ने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी ।मैं दवाई लेकर अभी आया हूं ।दीपू घर में लगे बैलून को देखकर बहुत खुश हो रहा था उसे सजा हुआ कमरा बड़ा अच्छा लग रहा था बड़ी मुश्किल से उसने अपनी मां से कहा मुझे भी एक बैलून चाहिए लेकिन उसकी दबी हुई आवाज को कुसमा ने और दबा दिया और अपने काम में लग गई ।लेकिन गोलू ने उसकी आवाज सुन ली और एक बैलून लाकर उसको दिया गोलू ने दीपू को पूछा तुम्हारा जन्मदिन कब आता है ।गोलू अभी 3 साल का भी नहीं हुआ था मुझे नहीं पता कब आता है ।यह क्या होता है ।बर्थडे मतलब जन्मदिन जिस दिन तुम पैदा हुए होंगे जैसे आज मैं पैदा हुआ आज मेरा बर्थडे है। गोलू ने बड़े होने के नाते उसको समझाया जन्मदिन ..........हां ....कुछ ऐसा ही मां कह रही थी कि आज तेरा जन्मदिन है और तू बीमार हो गया है ।मेरा भी आज ही जन्मदिन है मां ने सुबह मुझे कहा था ।
बड़ी उत्सुकता और खुशी से गोलू भागता- भागता मां के पास आकर बोला ........मम्मी आज दीपू का भी बर्थडे है ।विभा ने कुसमा को देखा और बोला दीपू का बर्थडे भी आज है.. .... तूने बताया क्यों नहीं हमें । दीदी ऐसी बात नहीं है...... हम क्या बराबरी कर सकते हैं अगर इसको यह सब बताएंगे तो हमारे लिए मुश्किल हो जाएगी ।हम कहां से इतनी सारी चीजें इस के कहने पर ला पाएंगे ।आठ साल का गोलू मां और कुसमा आंटी की बातें सुन रहा था ।
कुसमा कभी -कभार गोलू के घर दीपू को ले आती थी ।गोलू को भी उसके साथ खेलना अच्छा लगता था ।गोलू नहीं जानता था कि जैसे उसने अपने बर्थडे पर हर चीज कहकर के करवाई है दीपू ऐसा नहीं कर सकता। विभा और कुसमा ने सारा कमरा समेट लिया था तभी उसने कुछ खिलौने और मिठाईयां डालकर कुसमा को दी कि यह दीपू के लिए है ।जैसे ही दोनों जाने लगे तभी गोलू ने आवाज लगाई रुको ......दीपू !!!!!रुको आंटी......!!!! उसकी आवाज सुनकर। कुसमा और दीपू ने पीछे मुड़कर देखा ।गोलू एक बड़ा सा डिब्बा उठा कर ला रहा था उसने विभा से कहा मां आज मेरे बर्थडे पर पापा और मामू दोनों केक ले आए और मेरे पास तो दो हो गए और एक मैंने काट भी लिया। तो यह केक दीपू को दे रहा हूं क्योंकि इसने अपने बर्थडे पर केक नहीं काटा है गोलू ने आगे बढ़कर दीपू को केक दिया और कहा कि तेरा बर्थडे गिफ्ट है और तेरा मेरा बर्थडे एक दिन ही आता है अगली बार हम दोनों इकट्ठे केक काटेंगे। परिवार के सभी लोग गोलू की बात और उसकी मासूमियत भरी संवेदना को महसूस कर गर्व कर रहे थे कि एक सात साल के बच्चे ने बड़ों से भी ज्यादा समझदारी दिखाई है।