यौवन की आशा
यौवन की आशा
शहर की परिवेश की कहानी। बचपन से ही हीरा बहुत सोचने वाले मन की है। हर रोज उसकी माँ से पूछती थी की हम क्यों गरीबी में ही जीते है। तोई क्यों नहीं पढ़ा, अगर तुम भी पढ़ती तो पापा को मदद कर सकती थी न, बोल कर बचपन से ही उसकी माँ को कुछ तो कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करते ही रहाती थी। जब वो हाई स्कूल पढ़ती थी जब उसकी माँ कुछ पेंटिंग करना और टैलरिंग करना शुरू किया था, कुछ दिनों के बाद वो अपना बिजनस खड़ा की। तब हीरा ने अपने मन में फैसला किया की मैं माँ के जैसे ज्यादा से ज्यादा कोशिश करूंगी और अच्छी तरह से पढ़ूँगी। ऐसे ही वो इंजीनियरिंग पढ़ी और एक बहुत बढ़िया कंपनी में काम भी करने लगी। वो अपने बचपन की आशा की पूर्ति की । अब उसकी आशा बदल गई । हर रोज अपने मन में सोचती है के एक राजा आकर उस से शादी करेगा। ये उसकी ही नहीं हर युवती का स्वप्न है। अच्छा काम करती है इसलिए वो बहुत आशा से ही जीती थी। ऐसे ही एक दिन एक बहुत बड़े परिवार के लोग आए उसके घर शादी तय किया और उसका सपना भी पूरा हुआ। हर सपना भी पूरा होता है अगर हम ठीक से कोशिश करते है तो।