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SIDHARTHA MISHRA

Inspirational

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SIDHARTHA MISHRA

Inspirational

यादो के पन्ने

यादो के पन्ने

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यादों के पन्नों को बदलने और निहारने से रमेश अपने पिछले साल की स्मृतियों मैं खो गए थे । उसने कॉलेज में स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवार्ड जीता था! अब एक कारपोरेट एम्प्लोयी , कॉलेज और स्कूल दिनों में उनका जीवन क्रिया और रोमांच से भरा था!

 वह और सुखदेव स्टूडेंट ऑफ़ दी ईयर के पुरस्कार के दो प्रमुख दावेदार थे, जिसमे उम्मीदवार को शिक्षाविदों के साथ-साथ खेल में उनके आलराउंड प्रदर्शन के लिए दिया जाता था ।

 सुखदेव और वह दोनों खेल और पढ़ाई दोनों में अच्छे थे। यह साइक्लिंग मैच था जो आखिरी में निर्णायक था। यह पचास किलोमीटर का साइक्लिंग मैच था, जिसमें प्रतिभागियों को पहाड़ी घाटी से होते हुए शहर की गलियों तक पहुंचना था फिनिशिंग लाइन तक। इसके लिए बहुत ताकत और सहनशक्ति और स्टामीना की आवश्यकता थी। महीनों के अभ्यास और कड़ी मेहनत के बाद, रमेश इस दौड़ को जीतने में सक्षम हो पाया था !!

 इस दौड़ की यादों और उनकी ट्रॉफी उठाने की स्मृति , रमेश की आँखों में आंसू ले आये थे, जब वे अपनी शाम की चाये बालकनी मैं बैठ कर पी रहे थे, एल्बम बुक के साथ !!


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